Member of Parliament Local Area Development Scheme को फिर से शुरू किया गया

वित्तीय वर्ष 2021-22 के शेष के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 2025-26 तक सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना Member of Parliament Local Area Development Scheme (MPLADS) को बहाल कर दिया गया है।

यह 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल के साथ-साथ चलेगा।

इस कार्यक्रम पर दो साल (2020-21 और 2021-22) के लिए रोक लगा दी गई थी।

यह एक केंद्रीय क्षेत्र Central Sector Scheme की योजना है जिसकी घोषणा पहली बार दिसंबर 1983 में की गई थी ।

Member of Parliament Local Area Development Scheme (MPLADS) क्या है ?

  • सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने में सक्षम बनाना, पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और सड़कों जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक सामुदायिक परिसंपत्तियों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना इसका लक्ष्य है।
  • जून 2016 के बाद से, एमपीएलएडी धन का उपयोग स्वच्छ भारत अभियान, सुलभ भारत अभियान (सुगाम्या भारत अभियान), वर्षा जल संचयन और संसद आदर्श ग्राम योजना जैसे कार्यक्रमों को लागू करने के लिए भी किया जा सकता है।
  • कार्यान्वयन: सांसद MPLADS प्रक्रिया के हिस्से के रूप में नोडल जिला प्राधिकरण के कार्यों की अनुशंसा करते हैं।
  • हर साल सांसदों को दो किस्तों में 5 करोड़ रुपये मिलते हैं ।
  • लोकसभा सांसदों को अपने लोकसभा क्षेत्रों में जिला प्राधिकरणों की परियोजनाओं की अनुशंसा करनी होती है, जबकि राज्यसभा सांसदों को इसे उस राज्य में खर्च करना होता है जिसने उन्हें सदन के लिए चुना है ।
  • राज्यसभा और लोकसभा दोनों के मनोनीत सदस्य देश में कहीं भी काम करने की अनुशंसा कर सकते हैं।

Member of Parliament Local Area Development Scheme की समस्याएं

Member of Parliament Local Area Development Scheme

कार्यान्वयन में कमी : भारत के CAG ने वित्तीय कुप्रबंधन और खर्च की गई राशि की कृत्रिम मुद्रास्फीति के उदाहरणों का हवाला देकर इस फण्ड पर सवाल उठाये है।


सांविधिक समर्थन नहीं: यह योजना किसी सांविधिक कानून द्वारा शासित नहीं है और यह सरकार इच्छा के अधीन है ।


निगरानी और विनियमन: यह योजना विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी लेकिन भागीदारी के स्तर को मापने के लिए कोई Indicator उपलब्ध नहीं है ।


संघवाद का उल्लंघन: एमपीएलएडी स्थानीय स्वशासी संस्थाओं के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करता है और इस तरह संविधान के भाग 9 उल्लंघन करता है ।

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