Artemis Mission UPSC in Hindi

आर्टेमिस मिशन (NASA)


नासा के प्रसिद्ध मिशन अपोलो (Apollo Missions) अंतरिक्ष, के अगली पीढ़ी के रूप में आर्टेमिस मिशन (Artemis Mission) को जाना जायेगा। इसका प्रमुख उद्देश्य होगा 2025 तक मनुष्य को चंद्रमा पर भेजना और सुरक्षित वापस लाना, यह मंगल ग्रह जाने के लिए एक आधार स्तंभ की तरह कार्य कर सकता है।

आर्टेमिस मिशन (Artemis Mission) – चर्चा में क्यों

नासा के द्वारा 16 नवंबर को आर्टेमिस 1 का परीक्षण किया गया जो सफल रहा या मिशन 2 महीने की देरी से शुरू हुआ है इसे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर (Kennedy Space Center) से लॉन्च किया गया है।

New Stunning Photo From Artemis
new photo from artemis
credit: Nasa

Artemis 1 (आर्टेमिस 1)

  • यह मिशन 25 दिन के लिए परीक्षण उड़ान पूरी करेगा यह चंद्रमा की सतह से 97 किलोमीटर दूर ओरियन कैप्सूल की सहायता से जाएगा।
  • यह मिशन नासा का एक मानवरहित मिशन है यह चंद्रमा की सतह छूने के क्रम में पहला कदम होगा इसे स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से भेजा जाएगा और यह ओरियन कैप्सूल में जाएगा।
  • Space Launch System Rocket, 1960 के बाद से बनाई गया सबसे बड़ा वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (Vertical Launch System) होगा। (It will be the most powerful rocket NASA has ever built)
  • यह चंद्रमा पर लंबे समय तक रुकने के क्रम में पहला प्रयास होगा, इसके सफल हो जाने के बाद आर्टेमिस ट्रू को टेस्ट किया जाएगा ।
artemis mission path diagram

Artemis 2 (आर्टेमिस 2)

  • यह मिशन 2024 में शुरू किया जाएगा इस मिशन में चंद्रमा की सतह को छुआ नहीं जाएगा बल्कि चंद्रमा की कक्षा में ही 3 लोगों का दल लेकर जाएगा ।
  • यह केवल मून आर्बिटर मिशन (Moon Orbiter Mission)है इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की कक्षा में जाना और पुनः पृथ्वी पर वापस आना है।

Artemis 3 (आर्टेमिस 3)

  • यह मिशन 2025 में पूरा किया जाएगा यह अपोलो मिशन के बाद पहली बार ऐसा होगा कि कोई भी अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की सतह को छुए गा और यह मिशन ऐतिहासिक बताया जा रहा है

Importance Of Artemis Mission -मिशन का महत्व

  • यह नए अंतरिक्ष युग (Space Age )का पहला कदम है यह मनुष्य को पुनः चंद्रमा और मंगल ग्रह पर जाने के लिए तैयार करेगा
  • यह जिस तकनीक और उपकरणों से लैस है उसमें यह चंद्रमा पर हाइड्रोजन के गा एवं ने ऊर्जा स्रोत भी प्राप्त कर सकेगा
    इस मिशन में बायोलॉजी के प्रयोग भी किए जाएंगे ओरियन पर कुछ डमी यात्रियों को भी ले जाया जाएगा जिससे उनके ऊपर पड़ने वाले प्रभावों को जांचा जाएगा।

भारत के द्वारा अब तक चंद्रमा पर जाने के लिए किए गए प्रयास

  • चंद्रयान प्रथम चंद्रमा पर जाने वाला भारत का पहला मिशन था या सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया था 2009 में इसके साथ कनेक्शन टूट गया था
  • Chandrayaan-2 भारत का चंद्रमा पर जाने वाला दूसरा मिशन था यह स्वदेशी आर्बिटर, लैंडर और रोवर का उपयोग कर रहा था।
  • हाल ही में chandrayaan-3 की घोषणा कर दी गई है इसमें एक लैंडर और एक रोवर भी शामिल होगा।

We are going.

For the first time, the @NASA_SLS rocket and @NASA_Orion fly together. #Artemis I begins a new chapter in human lunar exploration. pic.twitter.com/vmC64Qgft9— NASA (@NASA) November 16, 2022

NASA’s Tweet
johnjustcooooool
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