महात्मा गाँधी का अभ्युदय – Emergence of Gandhiji In Indian Politics

होमरूल आंदोलन और प्रथम विश्वयुद्ध के समय में गांधीजी का नाम आना शुरू हो गया था तो अब महात्मा गाँधी के बारे में जानना नितांत आवश्यक हो जाता है।

महात्मा गाँधीप्रारंभिक जीवन और दक्षिण अफ्रीका में सत्य का प्रयोग

  • महात्मा गाँधी जन्म 2 अक्टूबर 1869 गुजरात के काठियावाड़ पोरबंदर में हुआ था।
  • इनके पिता काठियावाड़ के दीवान थे इंग्लैंड से बैरिस्टर पास करने के बाद गुजरात के एक व्यापारी दादा अब्दुल्ला का मुकदमा लड़ने दक्षिण अफ्रीका गए। वहां देखा कि एशियाई मजदूरी करने वाले किस प्रकार प्रजातीय उत्पीड़न और भेदभाव के शिकार थे वहां उन्होंने गौरव के द्वारा काले लोगों पर रंगभेद की नीति का विरोध किया गांधी 1914 तक दक्षिण अफ्रीका में रुके तत्पश्चात में भारत आ गए।
  • दक्षिण अफ्रीका में कार्यरत भारतीय तीन तरह के थे
    • दक्षिण भारत के मजदूर
    • मैमन मुसलमान
    • कुछ वहां रहने लगे थे और सभी अशिक्षित थे तो व्हा पर ना तो अधिकार थे ना ही मानवीय स्थिति में रहते थे।
  • पहले चरण में गांधीजी ने साउथ अफ्रीका सरकार को याचिकाएं और प्रार्थना पत्र देने की नीति अपनाई। साथ ही ब्रिटेन को भी भारत के संबंध में पत्र भेजे।
  • सभी भारतीय संगठनों को संगठित कर नेटल भारतीय कांग्रेस 1894 की स्थापना की।
  • INDIAN OPONION नामक पत्र भी प्रकाशित किया।
नेटाल भारतीय कांग्रेस -
  • दूसरे चरण में  इन्होंने अहिंसात्मक प्रतिरोध अपनाया , जिसे सत्याग्रह कहा।

पंजीकरण प्रमाणपत्र के विरूद्ध सत्याग्रह 1906 (Asiatic registration act)

दक्षिण अफ्रीका सरकार ने भारतीयों को पंजीकरण प्रमाण पत्र रखना हर समय अनिवार्य कर दिया था। गांधीजी ने इसके विरोध के लिए अहिंसात्मक प्रतिरोध सभा का गठन किया सरकार ने सभी को जेल में डाल दिया।

प्रवासी भारतीयों के प्रवेश पर रोक का विरोध

Poll tax तथा भारतीय विवाह को आप्रमाणित करने के विरुद्ध अभियान

  • इकरारनामा की अवधि समाप्त होने पर दक्षिण अफ्रीका में बसे भारतीयों पर सरकार ने 3 पाउंड का कर लगा दिया इसके खिलाफ बड़ा सत्याग्रह छेड़ा गया।
  • इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश देकर और भड़का दिया की कोर्ट ने उन सभी युवाओं को रद्द कर दिया जो एस आई पद्धति से नहीं हुए थे। इस सप्ताह ग्रह को दबाने के लिए कठोर दमनकारी नीतियां चलाई गई। गोपाल कृष्ण गोखले ने पूरे देश का दौरा कर इस अत्याचार के खिलाफ जनमत तैयार किया लॉर्ड हार्डिंग में भी इसकी निंदा की।
  • गांधीजी लॉर्ड हार्डिंग और गोखले तथा सी एफ एंड्रयूज कि कई दौर की बैठक में दक्षिण अफ्रीका सरकार ने भारतीयों की मुख्य मांगे मान ली।

गांधीजी की सत्याग्रह की तकनीक

सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित है गांधीजी ने ईसाइयों की जरूरत को देखते हुए सत्याग्रह में कुछ तत्व भारतीय परंपरा के जोड़े और टालस्टाय के दर्शन को भी सम्मिलित किया।

  • सत्याग्रही या विचार नहीं करता कि गलत क्या है सदैव सच्चा अहिंसक और निडर रहता है।
    • असहयोग और  बहिष्कार के सिद्धांत पर कार्य करता है
    • कूरं का भुगतान ना करना और अधिकारी के सम्मान की स्थिति में कमी करना।
    • बुराई के विरुद्ध  संघर्ष करते समय सभी प्रकार की यात्राओं के सहने की शक्ति होनी चाहिए
    • सच्चा सत्याग्रह बुराई करने वालों के प्रति अनुराग रखता है ना कि घृणा यादव
    • दुर्बलता का सहारा लेते हैं जिसकी सत्याग्रह में कोई जगह नहीं।

टॉलस्टाय फर्म 1910

गांधी जी के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन धीरे-धीरे संकटग्रस्त होने लगा और और सरकार का अड़ियल रुख बरकरार रखा 1909 में भी गांधीजी और अंग्रेज अधिकारियों के बीच वार्ता का कोई खास परिणाम नहीं निकला यद्यपि आंदोलन जारी रखना आवश्यकता परंतु आर्थिक समस्या खड़ी हो गई इसी कारण 1910 में इस फर्म की स्थापना हुई

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