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सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम सिस्टम Collegium system
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम न्यूज़
अभी हाल में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के द्वारा कर्नाटक के 10 एडिशनल जज और केरल हाईकोर्ट के दो एडिशनल जजेस को नियुक्त करने हेतु अनुमोदित किया है
वर्तमान में देश में 465 से अधिक जजों के पद खाली हैं और इनको अब लगातार भरने की कवायद शुरू हो रही है।
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उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति कैसे होती है ?
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति संविधान के आर्टिकल 124(2) के तहत भारत के राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है जिन की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम न्यायाधीशों के द्वारा की जाती है।
क्या कॉलेजियम के द्वारा की गई सिफारिश से बाध्यकारी होती है ?
कॉलेजियम अपनी सिफारिशों को राष्ट्रपति के पास भेजता है और राष्ट्रपति को इन सिफारिशों को नामंजूर करने की या मंजूर करने की शक्तियां प्राप्त होती हैं नामंजूर होने की स्थिति में यह नाम वापस कॉलेजियम के पास जाते हैं और यदि कॉलेजियम फिर से सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेजता है तो राष्ट्रपति उन सिफारिशों को मंजूर करने या स्वीकृत करने के लिए बाध्य होगा।
यह प्रावधान आलोचना का विषय बना हुआ है क्योंकि जज ही जज की नियुक्ति करेगा जिससे पारदर्शिता की कमी दिखाई देती है साथ ही भाई भतीजावाद की संभावना लगातार बनी रहती है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सदस्य कौन कौन होते हैं ?
what is collegium system
- यह 5 सदस्य का ग्रुप होता है जिसमें सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश और चार वरिष्ठ न्यायाधीश होते हैं
- मुख्य न्यायाधीश का चुनाव वरिष्ठता के आधार पर होता है ना की योग्यता के आधार पर।
वर्तमान में कॉलेजियम के सदस्य हैं
- N. V. Ramana (CJI)
- Uday Umesh Lalit (Judge)
- Ajay Manikrao Khanwilkar (Judge)
- Dhananjaya Yeshwant Chandrachud (Judge)
- L. Nageswara Rao (Judge)