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Gadar Andolan / Gadar Movement UPSC in hindi
गदर दल और गदर आंदोलन (Gadar Andolan) के बारे में
गदर दल का गठन लाला हरदयाल द्वारा यूएसए के San Francisco में किया गया ।इसी गदर दल के द्वारा गदर आंदोलन (Gadar andolan) चलाया गया ।
गदर आंदोलन कब हुआ था?
गदर आंदोलन 1 नवंबर 1913 को शुरू किया गया था ।
गदर दल के सदस्य कौन कौन थे?
लाला हरदयाल, रामचंद्र, बरकतउल्ला और कुछ अन्य क्रांतिकारी गदर दल के सदस्य थे । अन्य सदस्यों में भगवान सिंह, करतार सिंह, भाई परमानंद और बरकतुल्लाह थे। गदर दल की स्थापना से पूर्व ही यहां पर क्रांतिकारी गतिविधियां शुरू हो गई थी जिनमें से राम दास पुरी, जीडी कुमार, तारक नाथ दास एवं सोहन सिंह भकना मुख्य थे, 1911 में लाला हरदयाल भी यहां पहुंच गए और 1913 में गदर दल की स्थापना हुई।
गदर दल एक क्रांतिकारी संस्था थी इसी संस्था ने 1857 के विद्रोह की याद में “गदर” नामक पत्रिका का प्रारंभ किया, गदर दल के कार्यकर्ताओं में मुख्यता भूतपूर्व सैनिक एवं पंजाब के किसान शामिल थे यह रोजगार की तलाश में कनाडा और अमेरिका की कई जगहों पर बसे हुए थे इन जगहों पर इनकी संख्या काफी अधिक थी इसीलिए उन्होंने गदर आंदोलन यूएसए से ही चलाने का निर्णय लिया।
गदर दल का मुख्यालय कहां स्थित था?
गदर दल का मुख्यालय अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में था और अमेरिका के कई अन्य शहरों में इसकी शाखाएं खोली गई थी।
- गदर दल की स्थापना से पूर्व ही क्रांतिकारी गतिविधियों को चलाने के लिए कनाडा में स्वदेशी सेवक गृह एवं सिएटल में यूनाइटेड इंडिया हाउस की स्थापना पहले ही हो चुकी थी
- इनका उद्देश्य भी ब्रिटिश उपनिवेश का विरोध करना और जड़ से उखाड़ फेंकना था। गदर आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश अधिकारियों की हत्या करना तथा क्रांतिकारी साम्राज्यवाद विरोधी साहित्य का प्रकाशन करना था साथ ही साथ उनका कार्य विदेशों में नियुक्त भारतीय सैनिकों के बीच ब्रिटेन विरोधी भावनाएं जगाना एवं हथियार प्राप्त करना भी था
- गदर दल की सारी गतिविधियों में लाला हरदयाल की भूमिका सबसे प्रमुख थी इन्होंने जैसे ही क्रांतिकारी गतिविधियां शुरू की इसी के साथ में kamagatru प्रकरण और प्रथम विश्व युद्ध शुरू हो गया जिसने इन गतिविधियों में सहायता का कार्य किया।
गदर दल ने किस पत्रिका का संचालन किया?
गदर नामक साप्ताहिक पत्रिका।
कामागटारू प्रकरण
- इस कांड ने पंजाब में विस्फोटक स्थिति उत्पन्न कर दी थी
- पंजाब के क्रांतिकारी बावा गुरुदत्त सिंह ने जापान के जलपोत कामागाटारु को भाड़े पर ले कर 351 पंजाबी सिख और 21 मुसलमानों को सिंगापुर से वैंकूवर ले जाने का प्रयत्न किया।
- उद्देश्य था वहां पर स्वतंत्र और सुखमय जीवन व्यतीत करें और बाद में स्वतंत्रता संग्राम में भाग ले
- किंतु सर कनाडा सरकार ने उन्हें बंदरगाह पर उतरने की अनुमति नहीं दी, मजबूरन या जहाज 27 सितंबर 1914 को पुनः कोलकाता बंदरगाह लौट गया इस जहाज की यात्रियों का विश्वास था कि ब्रिटिश सरकार के दबाव के कारण ही कनाडा की सरकार ने उन्हें वापस लौट आया है
- लौटते ही गुरुदत्त सिंह के गिरफ्तारी का प्रयास हुआ लेकिन वह भाग गए अन्य यात्रियों को जबरन ले जाने का प्रयास किया और इस मुठभेड़ में 22 लोग मारे गए शेष यात्रियों को विशेष रेलगाड़ी द्वारा पंजाब पहुंचा दिया गया
- कामागाटामारू घटना और प्रथम विश्व युद्ध प्रारंभ होने से गदर दल के नेता तले को उत्तेजित हो गए इन्होंने बाहर रह रहे सभी क्रांतिकारियों को भारत जाकर लोहा लेने की बात की इस बीच अनेक स्थानों पर राजनैतिक डकैती हुई जिनका उद्देश्य धन एकत्र करना था
- जनवरी-फरवरी 1915 में पंजाब में हुई इन डकैती ओं के महत्वपूर्ण प्रभाव हुए। इनमें कुछ डकैती मैं जमीदारों को निशाना बनाया गया और उनके ऋण संबंधी कागजात नष्ट कर दिए जिससे स्थिति विस्फोटक हो गई
- कुछ भारतीय रेजीमेंट ओ को विद्रोह करने के लिए भी तैयार कर दिया गया किंतु सरकार को इसकी भनक लग गई और भारत रक्षा 1915 अधिनियम के तहत तुरंत कार्यवाही की गई 45 पर मुकदमा जलाकर उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई रासबिहारी बोस जापान भाग गए सचिन सान्याल को देश निर्वासित कर दिया गया
- ब्रिटिश सरकार ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हो रहे आतंकवादी गतिविधियों को कुचलने के लिए 18 सो 57 के विद्रोह की तरह का दमन किया।
गदर आंदोलन का मूल्यांकन
- गदर आंदोलन को अपने उद्देश्यों के कार्यान्वयन के लिए समय पर हथियार धन प्रशिक्षण और समय अनुकूल योग्य नेतृत्व की आवश्यकता थी किंतु दुर्भाग्यवश इनमें से सभी पूरे नहीं हो सके और इनको अंदाजा भी नहीं था की प्रथम विश्वयुद्ध इतना शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा इन्होंने अपनी शक्तियों का आकलन करें बिना ही उसी समय ब्रिटिश से जंग छेड़ दी
- गदर आंदोलन में मुख्यतया अप्रवासी भारतीय थे आत: यह भारतीय समुदाय को समय पर संगठित नहीं कर सके और ब्रिटिश शासन का वास्तविक अनुमान भी नहीं लगा सके वाह यह मिथ्या अवधारणा पाले रहे कि भारत में अंग्रेजो के खिलाफ पूर्ण माहौल तैयार हो चुका है
- लाला हरदयाल के समय अमेरिका छोड़ने पर इस पर गलत प्रभाव पड़ा और यह संगठन नेतृत्व विहीन हो गया और बिखर गया।
- यद्यपि गदर आंदोलन असफल रहा किंतु उसकी महत्ता इस बात में किसने क्रांतिकारी राष्ट्र वादियों को धर्मनिरपेक्षता की प्रेरणा दी।