Nonbank Financial Companies (NBFCs)

Nonbank Financial Companies

एनबीएफसी के नियामक आरबीआई ने परिभाषा दी है-

“एनबीएफसी कंपनी के तौर पर बनी ऐसी वित्तीय संस्थाए है, जो किसी भी तरह से पैसा जमा करने या ऋण देने का काम करती है।”

काम को देखते हुए इन्हें मुख्य 2 श्रेणियों में बांटा जा सकता –

  1. जमा लेने वाली एनबीएफसी – NBFC-D

2. जमा नहीं लेने वाली एनबीएफसी -NBFC-ND

. जमा लेने वाली एनबीएफसी को कंपनी के तौर पर RBI में Registration लेना अनिवार्य है। इसके लिए इन्हें कंपनी एक्ट के तहत कंपनी होना होगा और कम से कम 2 करोड़ का नेट ओन फंड होना चाहिए।

. अभी  11,700 एनबीएफसी रेसिस्टर्ड है।

एनबीएफसी की कुछ अन्य श्रेणियां जिनका रेगुलेशन आरबीआई नहीं करता , ताकि दोहरे नियमन से बचा जा sake-

  1. Venture capital fund, Merchant bank, Stock brocking firm

रजिस्ट्रेशन और विनियमन सेबी के द्वारा

2. Housing finance company

नेशनल हाउसिंग बैंक ्दवारा नियमित

एनबीएफसी को 100% एफडीआई की अनुमति प्राप्त है।

बैंक से एनबीएफसी किस तरह से भिन्न है? How Banks are Different from NBFC

  1. एनबीएफसी बिना बैंकिंग लाइसेंस के लोगों को बैंकिंग की सुविधा देती है।

2. एनबीएफसी डिमांड डिपोजिट नहीं ले सकते और ना ही चेक जारी कर सकते है।

3. एनबीएफसी को सीआरआर और एसएलआर बनाए रखना आवश्यक नहीं होता। जमा लेने वाली एनबीएफसी को 15% एसएलआर करना आवश्यक है।

4. CRAR बनाए रखना आवश्यक है।

बैंक उपर्युक्त सारे कार्य करती है।

एनबीएफसी के लिए जमा राशि लेने से जुड़े कुछ नियम है –

  1. मांग जमा यानी डिमांड डिपोजिट स्वीकार नहीं कर सकते। यानी बचत या चालू खाता

2. राशि जमा करने वालों को इंसेंटिव, गिफ्ट या अतिरिक्त फायदे की पेशकश नहीं कर सकते।

3. एनबीएफसी के द्वारा जमा राशि की वापसी की गारंटी आरबीआई नहीं देता है।

वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के लिए 2017-18 में आरबीआई ने 2 नई तरह की श्रेणियों की घोषणा की थी –

a) NBFC- PEER TO PEER

b) NBFC- AA /ACCOUNT AGREEGATOR

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