NGO प्रथम ने हाल ही में शिक्षा की 17 वीं वार्षिक स्थिति रिपोर्ट ASER 2022 जारी की, जो शिक्षा पर महामारी (Pandemic) के प्रभाव पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट में हाई स्कूल नामांकन दर का खुलासा किया गया है, जो निपुण भारत मिशन (NIPUN Bharat Mission) जैसे सरकारी कार्यक्रमों के लिए एक अच्छा प्रदर्शन संकेतक है।
ASER क्या है?
ASER एक वार्षिक नागरिक-नेतृत्व (Citizen – Led) वाला घरेलू सर्वेक्षण (HouseHold Survey) है जिसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि ग्रामीण भारत में बच्चों को स्कूल और सीखने में नामांकित किया गया है या नहीं।
2005 से, ASER भारत के सभी ग्रामीण जिलों में आयोजित किया गया है।
यह भारत का सबसे बड़ा नागरिक-नेतृत्व वाला सर्वेक्षण है।
राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर, एएसईआर सर्वेक्षणों ने 3-16 वर्ष की आयु के बच्चों की नामांकन स्थिति के प्रतिनिधि अनुमान लगाया जाता है , साथ ही 5-16 वर्ष की आयु के बच्चों के बुनियादी पढ़ने और अंकगणितीय स्तर भी पता लगाया जाता है।
रिपोर्ट में क्या है ?
- सरकारी स्कूलों में नामांकन: एएसईआर, 2022 के अनुसार देश में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि देखी गई है।
- बुनियादी पढ़ना और अंकगणित कौशल: भारत में कक्षा 3 और कक्षा 5 में छोटे बच्चों के बुनियादी पढ़ने और अंकगणित कौशल में गिरावट आई है।
- नामांकित नहीं होने वाली लड़कियों का अनुपात: 11-14 आयु वर्ग के लिए स्कूलों में नामांकित नहीं होने वाली लड़कियों के अनुपात में 2018 में 4.1% से 2022 में 2% की कमी एक महत्वपूर्ण सुधार और सकारात्मक विकास है।यह इंगित करता है कि शिक्षा में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के प्रयास प्रभावी रहे हैं और स्कूलों में लड़कियों के नामांकन को बढ़ाने में मदद मिली है।