भारत का पहला E-Collectorate

E-Collectorate & E-Office

जैसा कि नाम से प्रतीत हो रहा है भारत में लालफीताशाही को खत्म करने के लिए e-Collectorate बनाया गया है भारत का पहला e-Collectorate सहरसा बिहार जिला में बनाया गया है जिसे पेपरलेस ऑफिस कहा गया है।

E-Office पहल क्या है ?

यह e-Governance Mission Mode Project (MMP) के तहत एक परियोजना है। यह पहल 2009 में शुरू की गई थी जिसे सुचारू रूप से चलाया नहीं जा सका था आज के दिन में भी इसे कार्यान्वित करना दुष्कर कार्य होगा।

केरल (Idukki) 2012 में Paperless और हैदराबाद 2016 में Paperless हो गया था e-Office का उद्देश्य काम को सुचारू रूप से चलाना और नियम में सुधार करके सरकारी तंत्रों और विभागों का काम सुधारना था।

What is Mission Mode Projects (MMP)?

एक मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) के अंदर योजना है जो विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक शासन पर केंद्रित है। NeGP में 31 मिशन मोड परियोजनाएं (MMP) शामिल हैं, जिन्हें आगे राज्य, केंद्रीय या एकीकृत परियोजनाओं के रूप में Categorize किया गया है।

भारत का पहला E-Collectorate

लालफीताशाही (Red-Tapism) क्या है?

  • सरल नियमों के कठिन बनाना और नियमों को आवश्यकता से अधिक कठोर पालन करने के लिए लालफीताशाही शब्द का उपयोग किया जाता है ।
  • यह किसी भी कार्य को करने में रोकता है और कार्यवाही करने या निर्णय लेने में बाधा डालता है या सामान्यता सरकार का उपहास उड़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है परंतु या किसी भी अन्य संगठन पर भी लागू हो सकता है।
  • कोई भी कार्य जो शहर प्रतीत होता है जैसे कि कोई कागजी कार्यवाही करना या फिर सामान्य सा लाइसेंस प्राप्त करना या कोई निम्न स्तरीय नियम को लागू करना इन सब में लालफीताशाही आने पर या सारे सरल से कार्य कठिन हो जाते हैं।

लालफीताशाही (Red-Tapism) से हानि

  • लालफीताशाही आने से कई प्रकार के दुष्परिणाम होते हैं जैसे किसी भी कार्य करने के लिए लागत में वृद्धि हो जाती है।
  • लालफीताशाही की वजह से नियमों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है जो खराब शासन के लिए उत्तरदाई है।
  • लालफीताशाही होने के कारण कार्य में देरी होती है जिससे आम जनता में असंतोष उत्पन्न होता है।
  • लालफीताशाही के कारण ही भ्रष्टाचार भी बढ़ता है और विकास कम होता है।

आज के समय में लालफीताशाही को खत्म करना एक बड़ी आवश्यकता बन चुकी है इसके लिए कार्य को डिजिटल बनाना होगा जिससे पारदर्शिता आ सके और जवाबदेही बढ़ सके। दूसरा हमें कर्मचारियों की उत्पादकता में वृद्धि करनी होगी, जिससे सरल सा कार्य महीनों तक लंबित ना पढ़ा रहे। डिजिटल हो जाने की वजह से कर्मचारी जवाबदेह होंगे और कार्य सुगमता से आगे बढ़ सकेंगे।

E-Collectorate & E-Office के आगे की राह

ग्रामीण और शहरी स्तरों पर अलग-अलग तरह के Database तैयार करने होंगे जो सभी अलग-अलग मंत्रालयों से जुड़े होंगे जिससे Big Data सबसे कनेक्ट हो सके और सुचारू रूप से सभी के पास उपलब्ध हो।

यह बदलाव सबसे पहले स्थानीय सरकारों में शुरू किया जाना चाहिए जिसके पश्चात यह केंद्र सरकार तक पहुंच जाए क्योंकि सबसे जटिल प्रणाली स्थानीय सरकारों में ही फैली हुई है।

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